अलंकार किसे कहते है ?

आशा करते है आपने इससे पहले के सभी अध्याय पढ़ लिए होंगे। इस अध्याय में हम जानेंगे अलंकार के बारे में जैसे अलंकार क्या होते है ? अलंकार के कितने रूप है और अलंकार संगीत में क्यों महत्वपूर्ण है। अलंकार से पहले आपको संगीत के आधारभूत ज्ञान जैसे संगीत क्या है, सुर किसे कहते है, कितने प्रकार के सुर होते है, सप्तक क्या होता है और सप्तक के रूप इनके बारे में पता होना चाहिए। चलिए शुरू करते है अलंकार किसे कहते है ?

अलंकार किसे कहते है ?

आप सबने हिंदी विषय में अलंकार के बारे में जरूर सुना होगा, जिसका उपयोग हिंदी भाषा का श्रृंगार करने या खूबसूरत करने के लिए किया जाता है। ठीक उसी प्रकार, संगीत में अलंकार का उपयोग किसी गीत या राग को और सूंदर बनाने के लिए किया जाता है। स्वरों की नियमबद्ध रचना या निर्मित वर्ण समुदाय को अलंकार कहते है। अलंकार का अर्थ है – आभूषण या गहना। जिस प्रकार आभूषण शारीरिक शोभा बढ़ाते है उसी प्रकार अलंकारों द्वारा गायन की शोभा बढ़ जाती है। अलंकार को पलटा भी कहते है।

ये भी पढ़े:

स्वर किसे कहते है और स्वर के कितने प्रकार होते है ?

यदि आप अभी सीखना शुरू कर रहे है या शुरू करना चाहते है तो सबसे पहले आपको अलंकार सीखना चाहिए जिससे आपको स्वर ज्ञान भली-भाँति हो सके। अलंकार अभ्यास से कण्ठ मधुर हो जाता है और गीत की रचना करने में भी सहायता मिलती है। जैसे – स रे ग स, रे ग म रे, ग म प ग आदि।

अलंकार की कितनी कड़ियाँ होती है ?

अलंकार की दो कड़ियाँ होती है: 1.) आरोह 2.) अवरोह

1.) आरोह

स्वरों के चढ़ते क्रम को आरोह कहते है, जैसे – स रे ग म प ध नी सं।

2.) अवरोह

स्वरों के उतरते क्रम को अवरोह कहते है, जैसे – सं नी ध प म ग रे स।

Best Tanpura for riyaz Best Stuff India

अलंकार को कितने वर्गों में बाँटा गया है ?

अलंकारों का मुख्य रूप से कोई वर्गीकरण नहीं किया गया है, परन्तु कुछ लोग अलंकारों को उनकी सरलता या कठिनाई के आधार पर तीन अलग वर्गों में बाँट लेते है।

1.) सरल अलंकार 2.) अर्ध जटिल अलंकार 3.) जटिल अलंकार

ये भी पढ़े:

राग किसे कहते है और रागो की उत्पत्ति कैसे हुई ?

अलंकार का संगीत में क्या महत्त्व है ?

अलंकार संगीत में बहुत महत्वपूर्ण है जिस प्रकार किसी चीज़ को सजाने के लिए फूलों या अन्य श्रृंगार के सामान की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार संगीत में राग या गीत को सजाने के लिए अलंकार का उपयोग किया जाता है। जिस प्रकार चन्द्रमा के बिना रात्रि, जल के बिना नदी, फूलों के बिना लता तथा आभूषणों के बिना स्त्री शोभा नहीं पाती उसी प्रकार अलंकार बिना गीत शोभा को प्राप्त नहीं होते। अलंकार वर्ण समुदाय में ही होते है।

अन्य शब्दों में अलंकार संगीत के लिए बहुत जरुरी है। अगर आप किसी गीत या राग को और भी खूबसूरत बनाना चाहते है तो आपको अलंकार के बारे में पता होना चाहिए। कोई भी सिर्फ अलंकार का उपयोग करके किसी भी राग या गीत में अलग सा भाव उत्पन्न कर सकता है। इसीलिए अलंकार बहुत जरुरी है और इसका करना और भी जरुरी क्योकि अलंकार आपके गले में और भी ज्यादा मधुरता और ठहराव लाता है और इसे नियमित रूप से करने से आपका स्वर ज्ञान बहुत अच्छा और पक्का हो जाता है।

Thanks For Reading – पढ़ने के लिए धन्यवाद्

आशा करते है अलंकारों की यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आप इससे कुछ सीखे होंगे। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर कर हमारी संगीत की जानकारी हर व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद करें। अगर आपको अलंकार या शास्त्रीय संगीत से जुड़े किसी भी प्रकार का प्रश्न है तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते है। आपके प्रश्नो का जल्द से जल्द जवाब दिया जायेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *